प्रधानमंत्री मोदी ने अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का किया श्री गणेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वसंत पंचमी के दिन बुधवार को संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में नवनिर्मित पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया। इस मंदिर को बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बाप्स) ने बनाया है। राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थरों से निर्मित इस मंदिर के निर्माण पर 700 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। यह मंदिर 27 एकड़ में बना है और इसकी ऊंचाई 108 फुट की है। बेजोड़ वास्तुशिल्प और भव्यता के कारण यह मंदिर पूरी दुनिया का ध्यान अपनी आकार्षित कर रहा हैं। मोदी ने इस मंदिर में पूजा-अर्चना की और आरती में भी भाग लिया। खाड़ी देशों के पहले इस हिंदू मंदिर के सात शिखर हैं, जो सात अमीरातों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
भगवान शिव, राधा कृष्ण, सीता-राम, जगन्नाथ और तिरुपति बालाजी की भी मूर्ति
इस मंदिर भगवान शिव और उनके परिवार से जुड़े सदस्यों, राधा कृष्ण, सीता-राम की मूर्तियों के साथ भगवान जगन्नाथ और तिरुपति बालाजी की भी मूर्ति स्थापित की गयी हैं। मोदी मंदिर के गर्भगृह में पूजा-अर्चना करने के बाद इस मंदिर की हर मंजिल पर गए और इस मंदिर से जुड़ी हर पहलुओं की जानकारी लीं। इसके बाद वे इस मंदिर के निर्माण में लगे श्रमिकों, अभियंताओं और श्रमदान देने वाले लोगों के बीच पहुंचे और उनका अभिवादन स्वीकार किया।
2019 में शुरू हुआ निर्माण
अल नाहयान ने 2015 में मंदिर के निर्माण के लिए 13.5 एकड़ जमीन दान की थी। तीन साल बाद पीएम मोदी ने इसकी नींव रखी थी। उस वर्ष की शुरुआत में अतिरिक्त 13.5 एकड़ भूमि दान में दिए जाने के बाद 2019 में निर्माण शुरू हुआ। बोचासनवासी श्री अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) द्वारा निर्मित, यह मंदिर अल रहबा के पास अबू मरिखाह में स्थित है। बुधवार सुबह मंदिर में मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह शुरू हुआ। मंदिर के अधिकारियों ने कहा कि मंदिर में सात शिखर बनाए गए हैं जो संयुक्त अरब अमीरात को बनाने वाले सात अमीरातों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
जानिए मंंदिर की व्यवस्थाएं
– विशाल संरचना में 3,000 लोगों को रखने की क्षमता वाला एक प्रार्थना कक्ष है। इसके एक सामुदायिक केंद्र, एक प्रदर्शनी हॉल, एक पुस्तकालय और एक बच्चों का पार्क भी बना हुआ है।
– मंदिर के अग्रभाग पर गुलाबी बलुआ पत्थर की पृष्ठभूमि पर सुंदर संगमरमर की नक्काशी है, जिसे राजस्थान और गुजरात के कुशल कारीगरों द्वारा 25,000 से अधिक पत्थर के टुकड़ों से तैयार किया गया है।
– मंदिर में वास्तुकला की पारंपरिक नागर शैली है। इसकी ऊंचाई 108 फीट है और इसमें सात शिखर हैं, जिनमें से प्रत्येक संयुक्त अरब अमीरात के सात अमीरातों में से एक का प्रतिनिधित्व करता है।
– बीएपीएस मंदिर सावधानीपूर्वक तैयार किए गए घाटों और गंगा और यमुना नदियों की विशेषताओं से घिरा हुआ है। मंदिर में दो केंद्रीय गुंबद हैं ‘डोम ऑफ हार्मनी’ और ‘डोम ऑफ पीस’। मंदिर के प्रवेश द्वार पर आठ मूर्तियां हैं, जो सनातन धर्म के मूल आठ मूल्यों का प्रतीक हैं।
– हिंदू मंदिरों में पशु और पंक्षियों की नक्काशी नहीं की जाती है, लेकिन इस मंदिर की दीवारों के पत्थरों पर खाड़ी देश के लिहाज से ऊंटों और राष्ट्रीय पक्षी बाज की भी नक्काशी की गयी है।
– अल रहबा के पास यह हिंदू मंदिर करीब 27 एकड़ जमीन पर बना है। इस मंदिर को बनाने में 700 करोड़ रुपए की लागत लगी है। इसकी ऊंचाई 108 फुट है।