हिमाचल प्रदेश सरकार प्रदेश को कल्याणकारी राज्य की दिशा में आगे ले जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा गरीब और जरूरतमंद परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए विभिन्न योजनाएं सफलतापूर्वक संचालित की जा रही हैं। इन्हीं योजनाओं में एक प्रभावशाली योजना “मुख्यमंत्री आवास योजना” है, जिसके माध्यम से गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे लोगों को अपने सपनों का घर बनाने में मदद मिल रही है।

परियोजना अधिकारी, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण सिरमौर अभिषेक मित्तल ने जानकारी दी कि इस योजना के तहत अब तक जिला सिरमौर में कुल **103 मकानों को स्वीकृति** दी जा चुकी है। वर्ष 2022-23 में 65 मकानों पर ₹97.50 लाख, वर्ष 2023-24 में 22 मकानों पर ₹33 लाख तथा वर्ष 2024-25 में 16 मकानों पर ₹24 लाख की राशि स्वीकृत की गई। इनमें से **81 मकानों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है**, जबकि शेष 22 मकान अंतिम चरण में हैं।
खास बात यह है कि इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को **₹1.50 लाख की अनुदान राशि तीन किस्तों में प्रदान की जाती है पहली किश्त ₹65 हजार निर्माण शुरू होने पर, दूसरी ₹45 हजार लैंटर तक चिनाई पर, और अंतिम किश्त ₹40 हजार निर्माण पूर्ण होने पर दी जाती है।
नाहन विकास खंड के खंड विकास अधिकारी परमजीत सिंह ने बताया कि उनके क्षेत्र में 2022-23 में 11, 2023-24 में 3 और 2024-25 में 2 मकानों को स्वीकृति दी गई, जिन पर कुल ₹16.50 लाख की राशि वितरित की गई और सभी मकानों का कार्य पूरा हो चुका है।
जमना देवी, गांव कन्यारी, तहसील नाहन, बताती हैं कि उनके पति के निधन के बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। झोपड़ी में गुजर-बसर कर रहीं थीं, लेकिन मुख्यमंत्री आवास योजना से मिली ₹1.5 लाख की सहायता से उन्होंने एक कमरा, रसोई और शौचालय का निर्माण किया। अब उनका परिवार पक्के घर में सुरक्षित है।
साहिल, गांव गुमटी, अनुसूचित जाति वर्ग से, बताते हैं कि उनका पुराना मकान जर्जर हालत में था। उनके पिता मजदूरी करते हैं। वर्ष 2024 में मिली ₹1.5 लाख की मदद से अब उनके पास एक मजबूत और सुरक्षित घर है।
राजपाल, गांव खैरवाला, जो स्वयं मजदूर हैं, कहते हैं कि सरकार द्वारा दी गई राशि से उन्होंने एक सुंदर और टिकाऊ मकान का निर्माण किया। उनके अनुसार, यह योजना गरीबों के लिए वरदान है। मुख्यमंत्री आवास योजना न केवल जरूरतमंदों को आश्रय देने में सहायक सिद्ध हो रही है, बल्कि यह सरकार की संवेदनशीलता और गरीबों के प्रति प्रतिबद्धता का भी सशक्त उदाहरण है। योजना ने सिरमौर जिले में सैकड़ों लोगों के जीवन में स्थायित्व और सम्मानजनक जीवन की उम्मीद जगाई है।