अंडकोश में टयूमर के कारण चुनौतिपूर्ण जिंदगी व्यतीत कर रहे 39 वर्षीय व्यक्ति का सफल इलाज
निजी अंगों में टयूमर से निदान के लिए रोबोटिक सर्जरी सुरक्षित विकल्प: डा. रोहित डढवाल
रोबोट-एडेड सर्जरी न्यूनतम रक्त स्त्राव, कम दर्द, कम निशान, कम अस्पताल में रहने और तेजी से ठीक होने को सुनिश्चित करती है
पांवटा साहिब
महिला-पुरुष ज्यादातर अपने निजी अंगों से संबंधित लक्ष्णों को नजरअंदाज कर देते हैं, जिस कारण वह लक्ष्ण एक गंभीर बीमारी का कारण बन जाता है, पहले उपचार के दौरान शरीर के ऐसे अंगों तक पहुंचना मुश्किल और खतरनाक था, हालांकि रोबोट से की जाने वाली सर्जरी की मदद से इन अंगों तक भी आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह बात जाने माने यूरोलाजिस्ट एवं रोबोटिक सर्जन डा. रोहित डढवाल ने पांवटा साहिब में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में कही, जो कि हाथों की बजाए ‘दा विंची’ रोबोटिक सर्जरी से मरीज को उपचार के दौरान मिलती राहत जैसे खून की बर्बादी, कम दर्द, कम निशान व तुरंत राहत संबंधी जागरूक करने के लिए शहर में पहुंचे थे।
फोर्टिस अस्पताल में यूरोलॉजी, एंड्रोलॉजी एवं रोबोटिक और लैप्रोस्कोपिक सर्जरी विभाग के कंस्लटेंंट डॉ. रोहित डढवाल ने बताया कि हाल ही में उनके द्वारा 39 वर्षीय व्यक्ति जो कि एकाएक वजन घटने के साथ-साथ पेट के निचले हिस्से में लगातार दर्द एवं कब्ज के कारण चुनौतीपूर्ण जीवन व्यतीत कर रहा था, जिसकी जांच करने पर मल्टीपल मेटास्टेसिस के साथ अनडिसेंडेड टेस्टिकल्स (अंडकोष) के दुर्लभ ट्यूमर का पता चला। मलाशय और मूत्राशय के बीच में 16310 सेमी का टयूमर जो दोनों अंगों से मजबूती से चिपका हुआ था व आसपास के अंगों को संक्रमित कर रहा था। डा. डढवाल ने बताया कि पहले कीमीथैरेपी से उक्त टयूमर को कुछ हद तक खत्म करने के बाद पेरिटोनियल मेटास्टेसिस और ओमेन्टेक्टोमी को हटाने के साथ-साथ पैल्विक मास का रोबोट-एडेड किया। उन्होंने बताया कि ऐसे जटिल मामलों में रोबोट-ऐडेड सर्जरी को गोल्ड स्टैण्डर्ड ट्रीटमेंट माना जाता है।
मामले संबंधी डा. रोहित डढवाल ने कहा कि ऐसे मामले जहां अनडिसेंडेड टेस्टिकल्स में ट्यूमर विकसित हो जाता है और आसपास के क्षेत्र में फैल जाता है, बहुत दुर्लभ होते हैं। चूंकि रोगी को कीमोथेरेपी दी गई थी और टयूमर, जो पैल्विक में गहराई में स्थित था, महत्वपूर्ण अंगों से चिपक गया था, सामान्य कार्य को बनाए रखने के लिए एक सावधानीपूर्वक की आवश्यकता थी। ऐसे मामलों में रोबोट-ऐडेड सर्जरी सबसे अच्छा विकल्प है। उन्होंने बताया कि ओपन व लेप्रोस्कोपिक की बजाए रोबोटिक सर्जरी मरीज के लिए कम तकलीफ व ज्यादा लाभदायक साबित हुई है। उन्होंने बताया कि मरीज के आप्रेशन के दौरान शरीर के जिन हिस्सों तक हाथ पहुंचाना मुश्किल था, अब 360 डिग्री तक घूमने वाले रोबोट की मदद से वहां पहुंच की जा सकती है। उन्होंने बताया कि रोबोट की मदद से रोगी के शरीर में डाले गए एक विशेष कैमरे के माध्यम से ऑपरेटिव एरिया का 3डी व्यू देखकर कर उसको पूरी तरह से तंदरूस्त किया जा सकता है।