Sirmaur News: दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित भारत एक शांतिपूर्वक देश है। यह शांति के प्रतीक महात्मा गांधी, महात्मा बुद्ध, महावीर, और आदि गुरु शंकराचार्य की जन्मस्थली व तपोभूमि रही है। इस देश का शुरू से ही मानना है कि किसी भी प्रकार का युद्ध चाहे वह विश्व युद्ध, आंतरिक युद्ध या आतंकवादी गतिविधियां हो, उससे किसी भी राष्ट्र की प्रगति, विकास, नागरिक सुरक्षा, आर्थिक, सामाजिक व मानसिक विकास, सांस्कृतिक प्रगति संभव नहीं हो सकती है। आए दिन पड़ोसी देश पाकिस्तान द्वारा संरक्षित आतंकवादी लॉन्च पैड व शिविरों से मासूम लोगों की शांति व सुरक्षा पर सवाल उठते रहे हैं। हाल ही में अप्रैल के महीने में जम्मू कश्मीर के पहलगाम पर्यटन स्थल पर 26 भारतीय पर्यटकों को आतंकवादियों द्वारा निर्मम रूप से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस कृत्य से संपूर्ण भारत के नागरिकों में कड़ी निंदा व रोष की लहर उठ गई थी।
इस आतंकवादी हमले की प्रतिक्रिया के रूप में आज 7 मई को रक्षा मंत्रालय द्वारा सूचित कर बताया गया कि सैन्य “ऑपरेशन सिंदूर” द्वारा मध्य रात्रि में पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित इन आतंकवादियों के लगभग 9 लॉन्च पैड्स व शिविरों को पूर्णतया ध्वस्त कर दिया गया है। ज्ञात रहे कि आज 7 मई शाम 4:00 बजे गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा “ऑपरेशन अभ्यास” द्वारा पूर्व प्रस्तावित कुछ चुनिंदा नागरिक सुरक्षा शहरों व राज्यों में मौक अभ्यास भी आयोजित करवाया जाएगा, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार के हवाई हमले व अन्य तरह के युद्ध जैसी स्थिति में नागरिकों, स्कूली बच्चों एवं अन्य प्रतिक्रिया एजेंसियों को पूर्ण रूप से जागरूक व साथ ही प्रशिक्षित भी किया जा सके। भारत में आपदा प्रबंधन विभाग, केंद्रीय गृह मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत कार्यरत है तथा इस तरह की घटनाओं में योजना, समीक्षा व कार्यान्वयन करने का जिम्मा इसी को जाता है: आई इसकी रूपरेखा के बारे में समझें: आपदा प्रबंधन जिसमें विभिन्न प्रकार की आपदाओं जैसे कि प्राकृतिक आपदाएं (भूकंप, बाढ़, चक्रवात आदि) और मानव-जनित आपदाएं (दंगे, आतंकवादी हमले आदि) से निपटने के लिए रणनीतियों और योजनाओं का विकास किया जाता है।
आपदा प्रबंधन के मुख्य घटक हैं:
1. आपदा रोकथाम: आपदा के प्रभावों को कम करने के लिए कदम उठाना।
2. आपदा तैयारी: आपदा के समय तैयार रहने के लिए योजनाएं बनाना और अभ्यास करना।
3. आपदा प्रतिक्रिया: आपदा के समय तेजी से और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करना।
4. आपदा पुनर्वास: आपदा के बाद पुनर्वास और पुनर्निर्माण के प्रयास करना।
भारत में आपदा प्रबंधन के लिए विभिन्न संस्थाएं और एजेंसियां काम करती हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
1. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए): आपदा प्रबंधन के लिए नीतियों और योजनाओं का विकास करना।
2. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए): राज्य स्तर पर आपदा प्रबंधन के लिए काम करना।
3. जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए): जिला स्तर पर आपदा प्रबंधन के लिए काम करना।
आपदा प्रबंधन में सामुदायिक भागीदारी भी बहुत महत्वपूर्ण है, जिसमें स्थानीय समुदायों को आपदा के समय अपनी सुरक्षा और बचाव के लिए तैयार रहने के लिए जागरूक किया जाता है। भारत और पाकिस्तान दोनों ही देश अत्यधिक जनसंख्या वाले देश हैं, तथा दोनों ही देशों के पास परमाणु हथियार व आधुनिक तकनीक के उपकरण, युद्ध कौशल विकसित है, यह कहना उचित होगा कि भविष्य में इस तरह के तनाव उत्पन्न होने पर युद्ध जैसी स्थिति का सामना दोनों देशों को करना पड़ सकता है तथा इससे बचने हेतु पूर्ण रूप से तैयारी जागरूकता व आत्मविश्वास महत्वपूर्ण है।
भारत की अत्यधिक आबादी के मध्यनजर यहां पर आपदा संवेदनशीलता अत्यधिक है जिस की नजर अंदाज नहीं किया जा सकता तथा युद्ध जैसी स्थिति के दौरान अत्यधिक जान व माल के नुकसान होने की संभावना भी है, इसीलिए प्रत्येक नागरिक को नागरिक सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, सुरक्षित निकासी, सुरक्षित भवन, प्राथमिक प्रशिक्षण, प्राथमिक चिकित्सा उपचार, आपदा किट, आपातकालीन दूरभाष नंबर व भूमिगत सुरक्षित बंकरों का निर्माण तैयारी के मध्यनजर समय रहते कर लेना चाहिए। क्योंकि तैयारी में ही समझदारी है तथा समय रहते यदि हम जागरूक होंगे तो ही इस तरह के हवाई हमले व अन्य युद्ध जैसी स्थितियों से बच पाने में कारगर साबित होंगे। हालांकि संयुक्त राष्ट्र दोनों ही देशों से शांति एवं युद्ध तनाव को दूर करने के संबंध में आग्रह कर रहा है, ताकि 80 वर्ष बाद संसार को कोई और विश्व युद्ध न झेलना पड़े।