महिला पत्रकार प्रीति चौहान के साथ हुई घटना को लेकर दून प्रेस क्लब ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। क्लब के अध्यक्ष मुकेश रमोल ने प्रेस बयान जारी कर इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की और इसे पत्रकारिता पर हमला करार दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं न केवल महिला पत्रकारों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करती हैं।

मुकेश रमोल ने स्पष्ट किया कि दून प्रेस क्लब इस मुद्दे को हल्के में नहीं लेगा। उन्होंने पुलिस प्रशासन से मांग की कि मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच कर दोषियों को सख्त सजा दी जाए। रमोल ने कहा, “अगर महिला पत्रकार को समय रहते न्याय नहीं मिला, तो प्रेस क्लब को मजबूरन बड़ा कदम उठाना पड़ेगा।”
उन्होंने बताया कि इस गंभीर मुद्दे पर क्लब की एक आपात बैठक भी जल्द बुलाई जा रही है, जिसमें आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। साथ ही थाना प्रभारी देवी सिंह से फोन पर वार्ता कर उन्होंने निष्पक्ष जांच की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की पहली जिम्मेदारी है।
दून प्रेस क्लब ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में अगर पत्रकारों के साथ किसी प्रकार की अभद्रता या हमले की घटनाएं होती हैं तो क्लब सामूहिक रूप से विरोध दर्ज करवाएगा। क्लब ने प्रशासन को चेताया कि पत्रकारों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
यह मामला अब न सिर्फ एक पत्रकार से जुड़ा है, बल्कि पूरे पत्रकार समुदाय की गरिमा और सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है।