उत्तरी सिक्किम में रविवार देर शाम हुए भयंकर भूस्खलन में हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के वीर सैनिक लांस नायक मनीष ठाकुर शहीद हो गए। वे तीन डोगरा रेजीमेंट में तैनात थे और सिक्किम के छत्ते क्षेत्र में अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे थे।

करीब शाम 7:30 बजे छत्ते में हुए जानलेवा लैंडस्लाइड ने न सिर्फ मनीष ठाकुर की जान ले ली, बल्कि पूरी सैन्य छावनी को भी चपेट में ले लिया। ब्रह्मपुत्र और तीस्ता नदियों के उफान के बीच यह भूस्खलन विकराल रूप में सामने आया।
सैन्य सूत्रों के अनुसार, घटना में कई अन्य सैनिकों के भी मलबे में दबे होने की आशंका है। हालांकि अभी तक शहीद मनीष ठाकुर के अलावा अन्य हताहतों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
सैनिक कल्याण बोर्ड, सिरमौर के उपनिदेशक मेजर दीपक धवन ने मनीष ठाकुर की शहादत की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हें कमान कार्यालय से यह दुखद सूचना प्राप्त हुई। शहीद का पार्थिव शरीर आज देर शाम या मंगलवार सुबह तक नाहन पहुंचेगा। इसके बाद बड़ा बन गांव में पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
लांस नायक मनीष ठाकुर, वीर पिता जोगिंदर सिंह के सुपुत्र थे और हाल ही में उनका विवाह हुआ था। उनकी शहादत की खबर सुनते ही पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। बांकला स्कूल, जहां वे पढ़े थे, वहां भी वातावरण गमगीन हो गया।
स्थानीय विधायक अजय सोलंकी ने भी शहीद मनीष ठाकुर को श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा, “प्रदेश ने एक वीर सपूत खोया है, उनकी शहादत को हम कभी नहीं भूलेंगे।”
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, सिक्किम में हुए इस भीषण भूस्खलन से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। कई सड़कें अवरुद्ध हैं और प्रशासन तथा सेना राहत-बचाव कार्यों में जुटी हुई है।
भारी बारिश और नदियों के उफान ने हालात और भी कठिन बना दिए हैं। लांस नायक मनीष ठाकुर का बलिदान राष्ट्र के लिए एक अमिट प्रेरणा है।
हिमाचल आज अपने एक वीर सपूत को खोकर शोक में डूबा है, लेकिन उनकी वीरता और कर्तव्यनिष्ठा सदैव हमारे दिलों में जीवित रहेगी।