सिरमौर, सोलन और शिमला जिलों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते नदी-नालों में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। गिरि नदी का जलस्तर भी भारी बारिश के कारण खतरनाक सीमा के करीब पहुंच गया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए रविवार सुबह जटौन बैराज के गेट नंबर चार से पानी छोड़ा गया, जिससे निचले क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सुबह 6:20 बजे सूचना मिली कि जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है, जिसके बाद 6:30 बजे बैराज का गेट खोलकर पानी छोड़ा गया। गिरि नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि को देखते हुए आसपास के क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
उपायुक्त सिरमौर प्रियंका वर्मा ने जिले की जनता से अपील की है कि वे नदियों और बरसाती नालों के किनारे न जाएं। उन्होंने बताया कि यमुना, मारकंडा, बाता, जलाल और टौंस नदियों का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है, जिससे स्थिति और अधिक चिंताजनक हो गई है।
भारी बारिश के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में भू-स्खलन की भी आशंका जताई गई है। ऐसे में प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों को अलर्ट पर रखा है तथा आपात स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए गए हैं।
इसी के तहत उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अध्यक्ष प्रियंका वर्मा ने आदेश जारी करते हुए जिले में पहाड़ियों की कटाई पर 31 अगस्त, 2025 तक पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध केवल आपदा न्यूनीकरण, बुनियादी ढांचे की बहाली तथा आवश्यक सेवाओं से संबंधित निर्माण कार्यों को छोड़कर अन्य सभी गतिविधियों पर लागू रहेगा।
उन्होंने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, पीआईयू पांवटा साहिब, सभी उपमंडल मजिस्ट्रेटों और जिला स्तर पर कार्यरत एजेंसियों को आदेशों की सख्ती से अनुपालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे मौसम की गंभीरता को समझते हुए पूरी सावधानी बरतें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।