सतौन में एक मानवीय पहल ने उस समय एक परिवार को राहत दी जब समाजसेवी संजय कंवर की सूझबूझ और संवेदनशीलता से एक माह से लापता युवक को सकुशल उसके परिजनों से मिलाया गया। घटना उस समय की है जब संजय कंवर सतौन में पैदल चल रहे थे। उन्होंने सड़क पर अकेले भटकते एक युवक को देखा। संदेह होने पर उन्होंने युवक को रोका और बातचीत की। बातचीत में युवक ने बताया कि वह अपने घर से बिछड़ गया है। उसने अपना नाम रोहित पुत्र राजाराम, निवासी गांव कमालापुर, जिला रायबरेली (उत्तर प्रदेश) बताया।

स्थिति की गंभीरता को समझते हुए संजय कंवर ने तुरंत पहल की और युवक को अंशुल शर्मा द्वारा संचालित नशा मुक्ति केंद्र, तारूवाला में अस्थायी रूप से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इसके बाद संजय कंवर ने इंटरनेट के माध्यम से रायबरेली के पुलिस अधीक्षक का संपर्क नंबर खोजा और उनसे बातचीत कर युवक की पूरी जानकारी, फोटो व पता साझा किया। एसपी ने तत्परता दिखाते हुए जानकारी जिले के सभी थानों को भेज दी।
11 मई की शाम को रायबरेली के सलवन थाना प्रभारी ने संजय कंवर से संपर्क कर आश्वस्त किया कि युवक के परिजनों का शीघ्र पता लगा लिया जाएगा। 12 मई की सुबह, रोहित के भाई रमेश का फोन संजय कंवर को आया, जिन्होंने बताया कि रोहित एक महीने से लापता था और परिवार उसकी तलाश में परेशान था। वे पांवटा साहिब पहुंचने वाले हैं। 15 मई को रोहित के पिता राजाराम, भाई रमेश और अन्य परिजन पांवटा साहिब पहुंचे। बेटे को सकुशल देखकर राजाराम भावुक हो उठे और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। उन्होंने बताया कि रोहित की मां ने बेटे के लापता होने के बाद भोजन तक छोड़ दिया था और पूरे परिवार की स्थिति बेहद दयनीय हो गई थी।
इसके बाद संजय कंवर ने पांवटा साहिब पुलिस थाना में पुलिस की उपस्थिति में युवक को उसके पिता राजाराम के सुपुर्द किया। परिजनों ने संजय कंवर, अंशुल शर्मा और स्थानीय पुलिस का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह मदद उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं रही