BHUSHAN
HomeDigital SirmaurDiwali: बूढ़ी दीवाली की तैयारियों में जुटा सिरमौर का पहाड़ी समुदाय

Diwali: बूढ़ी दीवाली की तैयारियों में जुटा सिरमौर का पहाड़ी समुदाय

भीम सिंह,सिरमौर जिले के गिरिपार, आंजभौज और मस्तभौज क्षेत्र में बूढ़ी दीवाली की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। यह पर्व, जो बुराई को मिटाकर अच्छाई का संदेश देता है, पहाड़ी समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक परंपरा है।

Advt Classified

गृहणियां इस त्योहार के लिए पारंपरिक व्यंजन जैसे मुड़ा” और “शाकुली” बनाने में व्यस्त हैं। मुड़ा गेहूं को उबालकर, सुखाकर और भूनकर तैयार किया जाता है, जिसे अखरोट, खील, बताशे और मुरमुरों के साथ परोसा जाता है।

ग्रामीण अपने घरों की लिपाई-पुताई में जुटे हैं, और पशुओं के लिए पहले ही चारा जमा कर लिया गया है। क्योंकि यह पर्व दो-तीन दिनों तक चलता है, इसलिए त्योहार से पहले सभी जरूरी काम निपटाने पर जोर दिया जाता है।

इस बार स्थानीय लोगों ने “ग्रीन दीवाली” मनाने का फैसला किया है। दिवाली के दिन सुबह अंधेरे में मशालों की रोशनी में लोग इकट्ठा होते हैं। सामूहिक नृत्य, वीरगाथाएं और पारंपरिक गीतों के साथ उत्सव की शुरुआत होती है। इसके बाद दिनभर लोकनृत्य और आपसी बधाई का सिलसिला चलता है।

क्षेत्र के बुजुर्ग बताते हैं कि दीपावली के दौरान किसान अपनी फसल और चारे की व्यवस्था में व्यस्त रहते हैं। इसलिए वे एक महीने बाद इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं, जिसे “बूढ़ी दीवाली” कहा जाता है।

बूढ़ी दीवाली सिरमौर की समृद्ध परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, जो समुदाय को एकजुट करने और प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करने का संदेश देती है।

Bhim Singh
Bhim Singhhttps://digitalsirmaur.com
मैं डिजिटल सिरमौर मीडिया का संपादक एवं सस्थापक हूँ। मेरा मीडिया के क्षेत्र में विभिन्न संस्थानों में लगभग 10 सालों का अनुभव न्यूज़ लेखन और समाज के ज्वलंत मुद्दों को उठाने में है। राजनीति, अर्थशास्त्र, अंतरराष्ट्रीय संबंधों, समाजिक मुद्दों, या अन्य विशिष्ट क्षेत्रों में खबरे लिखना पसंद हैं और पाठकों को ताजातरीन घटनाओं और मुद्दों पर स्पष्ट, निष्पक्ष लिखना पसंद है।
RELATED ARTICLES

Most Popular

Translate »