विकासखंड पांवटा साहिब की ग्राम पंचायत डोबरी सालवाला में शनिवार को पेयजल कनेक्शन को लेकर दो गुट आमने-सामने आ गए। विवाद इतना बढ़ गया कि मारपीट की नौबत आ गई, लेकिन मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी हालात संभालने के बजाय मोबाइल से वीडियो बनाते रहे। इस दौरान एक युवती घायल हो गई और वहीं बेहोश होकर गिर पड़ी, परंतु पुलिस ने उसकी मदद करने की कोशिश तक नहीं की।

जानकारी के अनुसार, बोरबेल से पानी के कनेक्शन को लेकर पंचायत में पहले से ही तनाव का माहौल बना हुआ था। एसडीएम पांवटा साहिब द्वारा संभावित विवाद की आशंका को देखते हुए पुलिस को सुबह से ही मौके पर तैनात कर दिया गया था। बावजूद इसके जब दोनों पक्षों में झगड़ा शुरू हुआ, तो पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहे और वीडियो बनाते रहे।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस के दो जवान घटनास्थल पर मौजूद थे, लेकिन उन्होंने स्थिति नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। जब एक पक्ष की ओर से एक युवती पर वार किया गया और वह जमीन पर गिरकर बेसुध हो गई, तब भी पुलिस उसकी मदद करने के बजाय कैमरे में दृश्य कैद करने में व्यस्त रही।
इस पूरे घटनाक्रम में मीडिया की भूमिका अहम रही। मौके पर पहुंचे पत्रकारों ने जब पुलिस की निष्क्रियता और युवती की हालत को उजागर किया, तब जाकर प्रशासन और पुलिस हरकत में आए। मीडिया के सवालों के बाद जल शक्ति विभाग और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और पेयजल कनेक्शन का कार्य शुरू करवाया गया।
ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अगर मीडिया समय पर न आती, तो शायद न कनेक्शन होता और न ही घायल युवती को मदद मिलती।
यह घटना न केवल पुलिस की संवेदनहीनता को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि आज भी कई बार प्रशासनिक तंत्र मीडिया की सक्रियता के बाद ही जिम्मेदारी निभाता है। अब देखना यह है कि क्या प्रशासन इस लापरवाही के खिलाफ कोई कार्रवाई करता है या मामला एक बार फिर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।