विकासखंड पांवटा साहिब के विभिन्न गौसदनों के संचालकों ने हिमाचल प्रदेश में बेसहारा गौवंश की बिगड़ती स्थिति को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। इस संबंध में गौसदन संचालकों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाम एक ज्ञापन एसडीएम पांवटा साहिब गुंजित सिंह चीमा के माध्यम से सौंपा।

ज्ञापन में बताया गया कि हिमाचल प्रदेश के 250 से अधिक गौसदनों में वर्तमान में करीब 25,000 बेसहारा गौवंश रह रहे हैं। संचालकों का कहना है कि बढ़ती महंगाई के बीच इन पशुओं के रखरखाव में पहले से ही भारी चुनौतियां सामने आ रही थीं, लेकिन अब समस्या और विकराल हो गई है। प्रदेश में पिछले तीन महीनों से हिमाचल प्रदेश गौसेवा आयोग द्वारा दी जाने वाली प्रति पशु 700 प्रतिमाह की चारा सहयोग राशि पूरी तरह से बंद है।
इस सहयोग राशि के बंद हो जाने से अधिकांश गौशालाओं में चारे का गहन संकट उत्पन्न हो गया है। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि कई गौवंश भूख से तड़पने लगे हैं और उनकी जान पर बन आई है। संचालकों ने आशंका जताई कि यदि तत्काल राहत न दी गई तो आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में गौवंश की मृत्यु हो सकती है।
ज्ञापन में संचालकों ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि अगले एक सप्ताह के भीतर लंबित चारा सहायता राशि को तत्काल जारी किया जाए, ताकि गौवंश को राहत मिल सके। इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी मांग की है कि सरकार द्वारा घोषित सहयोग राशि में की गई बढ़ोतरी को अप्रैल 2025 से प्रभावी मानते हुए उसका भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
गौसदन संचालकों ने उम्मीद जताई है कि प्रदेश सरकार पशुधन संरक्षण को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए शीघ्र आवश्यक कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि गौवंश की सेवा न केवल धार्मिक भावना से जुड़ी है, बल्कि यह सरकार की नैतिक जिम्मेदारी भी है।
गौरतलब है कि राज्य में बेसहारा पशुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है और यदि समय रहते कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई तो आने वाले समय में यह संकट और गहराने की आशंका है। सरकार द्वारा इस ओर शीघ्र हस्तक्षेप ही हजारों गौवंशों की जान बचा सकता है।
गौसदन संचालकों ने अंत में अपील की कि प्रदेश के हर नागरिक और प्रशासन को इस मानवीय संकट की गहराई को समझते हुए आवश्यक सहायता उपलब्ध करवानी चाहिए, ताकि गौसेवा की परंपरा को मजबूती मिल सके और बेसहारा पशुओं को जीवनदान मिल सके। इस दोरान सतीश गोयल, टोकियों गौशाला, नाहन रोड़ अनूप अग्रवाल, माजरा गौशाला सचिन ओबराॅय, बहराल गौशाला,अजय संसरवाल, मयंक महावर,वैभव गुप्ता, राकेश शर्मा, हेमंत शर्मा, निखिल शर्मा, दिनेश कुमार (अधिवक्ता), शशिपाल चौधरी (अधिवक्ता) मोजूद रहे।