Exam News: हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में आईं लगातार गड़बड़ियों ने शिक्षा व्यवस्था की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सिरमौर जिले के चार परीक्षा केंद्रों में 10वीं कक्षा की अंग्रेजी परीक्षा के प्रश्न पत्र में भारी गड़बड़ी पाई गई, जिससे छात्र असमंजस और मानसिक तनाव में आ गए। वहीं, चंबा जिले के चुवाड़ी स्कूल में 12वीं की अंग्रेजी परीक्षा में बड़ी लापरवाही हुई, जहां 10वीं के बजाय 12वीं का प्रश्नपत्र खोल दिया गया। इस चूक के कारण बोर्ड को परीक्षा रद्द करनी पड़ी।

बोर्ड परीक्षाएं छात्रों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होती हैं, लेकिन इस तरह की गलतियां उनकी मेहनत और मानसिक शांति को प्रभावित कर सकती हैं। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि प्रश्न पत्रों की सुरक्षा और प्रबंधन में गंभीर खामियां हैं। परीक्षा से पहले प्रश्न पत्रों की जांच और सुरक्षित वितरण की जिम्मेदारी प्रशासन की होती है, लेकिन जब बार-बार ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, तो यह दर्शाता है कि निगरानी प्रणाली कमजोर है।
इस लापरवाही के बाद छात्रों और अभिभावकों में रोष है। उनका मानना है कि बोर्ड को इस गलती की जिम्मेदारी लेकर पारदर्शी जांच करनी चाहिए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। परीक्षा के दौरान किसी भी गलती से छात्रों का मनोबल गिर सकता है, जिससे उनकी तैयारी और प्रदर्शन पर भी असर पड़ता है।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में आईं गड़बड़ियों ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। बोर्ड को चाहिए कि वह इस मामले की गंभीरता को समझे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने के लिए सतर्क निगरानी और आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाना चाहिए ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित रह सके। यदि समय रहते इन मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले वर्षों में परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर और अधिक खतरा मंडरा सकता है।