उत्तराखंड विधानसभा में मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता कानून (यूसीसी) का ड्राफ्ट पेश किया। धामी ने कहा कि इस बिल में सभी धर्मों और सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। यूसीसी पर ड्राफ्ट लाने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है। बिल पेश करने से पहले मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जिस वक्त का लंबे समय से इंतजार था, वह पल आ गया है। न केवल प्रदेश की सवा करोड़ जनता, बल्कि पूरी देश की निगाहें उत्तराखंड की ओर बनी हुई हैं। यह कानून महिला उत्थान को मजबूत करने का कदम है, जिसमें हर समुदाय, हर वर्ग, हर धर्म के बारे में विचार किया गया है। वहीं भाजपा विधायकों ने सदन में यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन किया। भाजपा विधायकों ने कहा कि बिल का किसी को विरोध नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसमें किसी के भी अधिकारों का अतिक्रमण नहीं किया गया है। सभी धर्म, जाति और वर्ग के लोगों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं । खासकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह महत्त् वपूर्ण साबित होगा। सदन की कार्यवाही सात फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई।
वहीं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बिल को लेकर कहा कि धामी भाजपा नेताओं को खुश करने के लिए इसे लेकर आए हैं। वहीं एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बिल को मुसलमानों के खिलाफ साजिश बताया है।
यूसीसी की प्रमुख सिफारिशें
शादी की उम्र – 18 साल से पहले नहीं हो पाएगी लड़कियों की शादी
पंजीकरण – सभी को विवाह का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा, रजिस्टे्रशन न होने पर सजा का भी प्रावधान है
तलाक समान आधार पर – पति-पत्नी एक समान आधार पर ले पाएंगे तलाक
बहु विवाह पर रोक – एक पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी नहीं हो सकेगी
उत्तराधिकार – उत्तराधिकार में लड़कियों को लडक़ों के बराबर अधिकार होगा
लिव इन – लिव इन रिलेशनशिप का डिक्लेरेशन आवश्यक होगा। ये एक सेल्फ डिक्लेरेशन की तरह होगा।
जनजातियां – अनुसूचित जनजाति के लोग यूसीसी की परिधि से बाहर रहेंगे
कुरान के खिलाफ हुआ, तो यूसीसी को नहीं मानेंगे मुस्लिम
देहरादून । यूसीसी यानी समान नागरिक संहिता विधेयक उत्तराखंड विधानसभा में पेश हो चुका है। इसी बीच बिल के विरोध में समाजवादी पार्टी सांसद एसटी हसन आ गए हैं। उन्होंने इसे कुरान के सिद्धांतों के खिलाफ बताया है। साथ ही कहा कि अगर यह ‘हिदायतों’ के खिलाफ होता है, तो मुस्लिम समुदाय इसका पालन नहीं करेगा। उधर, कांग्रेस का कहना है कि हम यूसीसी नहीं, बल्कि इसे पेश किए जाने के तरीके के खिलाफ हैं। भारतीय जनता पार्टी ने साल 2022 में यूसीसी का वादा किया था। रिपोट्र्स के मुताबिक, हसन का कहना है कि अगर यह (यूसीसी विधेयक) कुरान में मुसलमानों को दी गई हिदायतों के खिलाफ है, तो हम इसका पालन नहीं करेंगे। अगर यह हिदायत के आधार पर है, तो हमें इससे कोई परेशानी नहीं है। वहीं कांग्रेस नेता यशपाल आर्य का कहना है कि हम इसके खिलाफ नहीं है। सदन नियमों से चलता है, लेकिन भाजपा लगातार इसे नजरअंदाज कर रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने चर्चा में लिया हिस्सा
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के उपवेशन सत्र में दूसरे दिन पूर्वाह्न समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर अपराह्न दो बजे चर्चा शुरू हुई, जिसमें नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने यूसीसी लागू करने की दिशा में प्रयास किए। इस बीच, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्यों ने बुधवार को चर्चा में भाग लेने की बात कही है।